रईसी देखना शौक किसका है, गरीबी किसको भाती है..
उनकी चाहत किसी की मज़बूरी का माखोल उड़ाती है..
हमे कुछ शौक, कुछ लाचारी, कुछ बेगानापन दीखता है..
अमीरी उनको थाती है, गरीबी मेरी साथी है..
हमे भूका रहना आता है, हमे इसकी आदत है..
कही कोई हवेली कभी लंगर चलाती है..
रईसी देखना शौक किसका है, गरीबी किसको भाती है..
अमीरी देख कर वो हस पड़े, पूछा किये आब क्या करे..
हमे जो नहीं दीखता वो अमीरी दिखाती है..
गरीबी नाम है उसका जो सब के दिल में रहती है
अमीरी न समझ है, आती है जाती है..
रईसी देखना शौक किसका है, गरीबी किसको भाती है..
Thursday, October 21, 2010
Tuesday, October 12, 2010
तुम मोहब्बत की इक ग़ज़ल हो या हो जज्बात
तुझे पाने की उम्मीद बड़ी लगती है..
तेरा आना इक ख्वाब से ज्यादा क्या है..
तेरा होना कोई चीज़ बड़ी लगती है..
तुम रूह में उतरे कुछ इस कदर यारा..
की अब जिस्म से ये रूह बड़ी लगती है..
तुम्हे चाहू, तुम्हे पाऊ तुम्हे अपनाऊ कैसे
तेरे कंधे पर मेरे आसुओ की हर बूंद बड़ी लगती है...
तुझे पाने की उम्मीद बड़ी लगती है..
तेरा आना इक ख्वाब से ज्यादा क्या है..
तेरा होना कोई चीज़ बड़ी लगती है..
तुम रूह में उतरे कुछ इस कदर यारा..
की अब जिस्म से ये रूह बड़ी लगती है..
तुम्हे चाहू, तुम्हे पाऊ तुम्हे अपनाऊ कैसे
तेरे कंधे पर मेरे आसुओ की हर बूंद बड़ी लगती है...
Monday, October 11, 2010
चल हट गरीब कही के, खुद को हिन्दुस्तानी बताता है..
..मैला कुचैला पहन कर सड़क पर निकल आता है ..
...हाथो में कटोरा चेहरे पर मैल जमी है...
..गरीब है फिर भी देखो छाती कैसी तनी है..
...तुम्हारे लिये न कुछ था न है न रहेगा..
...तू वो खोटा सिक्का है जो सिर्फ चुनाव में चलेगा..
.. तेरी बीबी भूखी, बच्चे भूखे, माँ भूखी, भाई भूखे..
तेरी किस्मत में कटोरा है, तेरे अरमान सूखे है..
..तू दुर्भाग्य है देश का, तुझको ही हटाना होगा..
उसके बाद बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर को बनाना होगा...
..मैला कुचैला पहन कर सड़क पर निकल आता है ..
...हाथो में कटोरा चेहरे पर मैल जमी है...
..गरीब है फिर भी देखो छाती कैसी तनी है..
...तुम्हारे लिये न कुछ था न है न रहेगा..
...तू वो खोटा सिक्का है जो सिर्फ चुनाव में चलेगा..
.. तेरी बीबी भूखी, बच्चे भूखे, माँ भूखी, भाई भूखे..
तेरी किस्मत में कटोरा है, तेरे अरमान सूखे है..
..तू दुर्भाग्य है देश का, तुझको ही हटाना होगा..
उसके बाद बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर को बनाना होगा...
Saturday, October 9, 2010
ओस की बूंद पर चमकती कुनकुनी धूप,,
उमीद की घास को और हरा करती है,,
ओस के साथ पलते सपने भी कुनकुने ,,
उनकी नाजुक कलाईयों की तरह अनमने,,
कुछ पाने की अभिलाषा में तल्लीन,,
तन्हाई की आगोश में लिपटे, सिमटे,,
मंद मंद बहती ठंडी बयार, सिहराती,,
चुपचाप जवानी की तरफ बढ जाती,,
सुबह से शाम, शाम से रात, यही चक्र है,,
जीवन का. यही फलसफा भी, खुद का,,,
उमीद की घास को और हरा करती है,,
ओस के साथ पलते सपने भी कुनकुने ,,
उनकी नाजुक कलाईयों की तरह अनमने,,
कुछ पाने की अभिलाषा में तल्लीन,,
तन्हाई की आगोश में लिपटे, सिमटे,,
मंद मंद बहती ठंडी बयार, सिहराती,,
चुपचाप जवानी की तरफ बढ जाती,,
सुबह से शाम, शाम से रात, यही चक्र है,,
जीवन का. यही फलसफा भी, खुद का,,,
Wednesday, October 6, 2010
मुस्लमान मस्जिद से और हिन्दू मंदिर से, कब तक जाना जायेगा,,,,
क्या भारत में मौलाना और पंडित ही पहचाना जाएगा,,,,
मस्जिद और मंदिर में फसेगी कौम की प्रतिष्ठा,,,,
भूल गये देश के प्रति निष्ठा,,,,
मुस्लमान और हिदू को वोट बैंक न बनाओ,,,,
मंदिर मस्जिद के झगडे में इनको मत उलझाव,,,,
विकास का सपना इनको भी देखने दो,,,,
इंसान है ये इनको इंसान बने रहने दो,,,,
क्या भारत में मौलाना और पंडित ही पहचाना जाएगा,,,,
मस्जिद और मंदिर में फसेगी कौम की प्रतिष्ठा,,,,
भूल गये देश के प्रति निष्ठा,,,,
मुस्लमान और हिदू को वोट बैंक न बनाओ,,,,
मंदिर मस्जिद के झगडे में इनको मत उलझाव,,,,
विकास का सपना इनको भी देखने दो,,,,
इंसान है ये इनको इंसान बने रहने दो,,,,
Tuesday, October 5, 2010
भूखो को रोटी मिलना एक सपना है
इनको पलने दो, जवानी तक
रोज़गार की बाते, शिक्षा की शिक्षा
सरकारी काम से ज्यादा भी कुछ है
हिंदुस्तान नारों को बनाने और भुलाने वाला
रोटी कपड़ा और मकान का ख्वाब दिखाने वाला
जय जवान जय किसान को क्यों भूल गया
सपने देखने में कोई मनाही नहीं
सरकार और सत्ता यहाँ सपना देखती है
इसी लिये सरे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गाती है
इनको पलने दो, जवानी तक
रोज़गार की बाते, शिक्षा की शिक्षा
सरकारी काम से ज्यादा भी कुछ है
हिंदुस्तान नारों को बनाने और भुलाने वाला
रोटी कपड़ा और मकान का ख्वाब दिखाने वाला
जय जवान जय किसान को क्यों भूल गया
सपने देखने में कोई मनाही नहीं
सरकार और सत्ता यहाँ सपना देखती है
इसी लिये सरे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा गाती है
Subscribe to:
Posts (Atom)